कहो ना प्यार है (2000)

कहो ना प्यार है” 2000 में प्रस्तुत हुई हिंदी चर्चित फिल्म है। राकेश रोशन इसके निर्देशक और पटकथा लेखक रहे हैं। इसी चर्चा में ऋतिक रोशन और अमीषा पटेल ने अभिनय जगत में कदम रखा। यहाँ, ऋतिक ने रोहित और राज दोनों पात्रों का अभिनय किया।
यह संगीतमय फिल्म 2000 की सबसे प्रमुख फिल्मों में गिनी जाती है और इसने अनेक सम्मान प्राप्त किए। राकेश रोशन को उत्तम निर्माता और निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ, जबकि ऋतिक को उत्तम अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ नया अभिनेता के अवार्ड्स मिले।
मौलिकता में “कहो ना प्यार है” में करीना कपूर को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया था। हालांकि, बबीता और राकेश रोशन के बीच मतभेद के कारण करीना ने यह प्रोजेक्ट छोड़ दिया और अंततः अमीषा पटेल को इस फिल्म में लिया गया। इस तरह, जहाँ यह करीना की पहली फिल्म हो सकती थी, वह अमीषा की पहली फिल्म बन गई।
कभी खुशी कभी ग़म (2001)

एक समृद्ध दंपति के पालक बड़े पुत्र, राहुल को पिता घर से बाहर कर देते हैं जब वह एक साधारण परिवार की लड़की से विवाह करने का संकल्प करता है। कई सालों के बाद, उसका युवा भाई, रोहन उसे खोजने के लिए निकलता है। इस चर्चित फिल्म ने घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में धूम मचाई। विदेशों में, यह भारतीय फिल्म सबसे अधिक कमाई करने वाली सिनेमा बनी।
यादें (2001)

राज सिंह पुरी तीन बेटियों के पिता हैं और उन्हें अपनी बेटियों से अत्यधिक प्रेम है। संकट तब उत्पन्न होता है जब उनकी एक बेटी को उनके पुराने दोस्त के पोते, रोनित सूरी, से प्रेम हो जाता है। इस फिल्म में इन परिवारों के बीच के रिश्तों का चित्रण किया गया है।
मैं प्रेम की दीवानी हूँ (2003)

मैं प्रेम की दीवानी हूँ” 2003 में प्रस्तुत हुई हिंदी की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसे राजश्री प्रोडक्शन्स ने निर्मित किया। यह 1976 की फिल्म ‘चितचोर’ का आधुनिक अवतार है, जिसमें मुख्य भूमिकाओं में ऋतिक रोशन, करीना कपूर, और अभिषेक बच्चन ने अभिनय किया है।
प्रेम की माँ उसके लिए सहयोगिनी की खोज में हैं, लेकिन जब प्रेम खुद लड़की के परिवार से मिलने में अक्षम हो जाता है, तो वह अपने सहयोगी और मित्र को लड़की को देखने भेजता है। लड़की उस सहयोगी को प्रेम मानकर उसमें प्रेम करने लगती है।
कोई मिल गया (2003)

रोहित एक एलियन के साथ दोस्ती बना लेता है। पुलिस जब इसे जानती है, तो उस एलियन को गिरफ्तार करने की चेष्टा करती है, परंतु रोहित अपने नव-साझे दोस्त की सुरक्षा के लिए समर्थन प्रदान करता है। इस चर्चित फिल्म में एलियन और इंसान के बीच की अद्वितीय दोस्ती का चित्रण किया गया है, जिसमें ‘जादू’ नामक पात्र प्रमुखता से प्रस्तुत है।
‘जादू’ के भूमिका में आए अभिनेता का नाम इंद्रावदन पुरोहित है, जिन्होंने अनेक फिल्मों में अभिनय किया। 2014 में 28 सितंबर को इस प्रतिभाशाली कलाकार का दीवान हो गया। ‘जादू’ का वेशभूषा ऑस्ट्रेलियाई कलाकार जेम्स केलनर ने डिज़ाइन किया था।
“कोई मिल गया” 2003 में प्रदर्शित हुई हिंदी विज्ञानिक कथा-प्रेमी फिल्म है जिसने शुमारी में सफलता हासिल की और अनेक सम्मान प्राप्त किए। इसके बाद इसके दो अन्य भाग भी प्रकाशित हुए – “कृष” और “कृष 3″।
लक्ष्य (2004)

एक बेहद सामान्य युवक, करण जोश अपनी जिंदगी में एक नई दिशा ढूँढते हुए सेना में सम्मिलित होता है। परंतु, सैन्य जीवन की चुनौतियों के चलते वह वापस लौट आता है। इससे उसकी प्रेमिका असंतुष्ट हो जाती है, लेकिन करण फिर से सेना में जुड़ने का संकल्प लेता है।
फिल्म में ऋतिक रोशन लेफ्टिनेंट करण शेरगिल के रूप में दिखाई देते हैं, जो अंततः कार्यवाहक कप्तान बनते हैं और अपनी सेना की साथियों के साथ आतंकवादियों से संघर्ष करते हैं। इस कथा में 1999 के कारगिल युद्ध के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि है।
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से अधिक प्रतिक्रिया नहीं पा सकी, परंतु टेलीविजन पर इसका पुनः प्रसारण अक्सर होता रहता है और दर्शक मानते हैं कि यह ऋतिक रोशन की करियर में एक महत्वपूर्ण और सर्वोत्तम भूमिका है।
धूम 2 (2006)

एक साहसी चोर अनमोल कला संग्रहलय की चीजें चोरी करता है। वह एक लड़की में रुचि रखता है, पर उस पर पूरा भरोसा नहीं करता। उसके पीछे तीन पुलिस अधिकारी उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करते हैं। यह ‘धूम’ सीरीज़ की दूसरी अध्याय है जिसे संजय गढ़वी ने निर्देशित किया है।
अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा फिल्म में जय दीक्षित और अली के रूप में मुख्य भूमिका में हैं, और वे एक चोर (ऋतिक रोशन) को पकड़ने की चेष्टा करते हैं, जो उन्नत तकनीकों से मौलिक और अमूल्य संपत्तियों की चोरी करता है।
कृष (2006)

अद्भुत शक्तियों से संपन्न कृष की प्रिया में मोहब्बत हो जाती है, और वह उससे मिलने सिंगापुर पहुंचता है। जब उसको अपने पिता की मौत का दर्दनाक सत्य पता चलता है, तो वह अपनी विशेष शक्तियों को सामने लाता है।
“कृष” 2006 में प्रदर्शित हुई हिंदी सुपरहीरो फिल्म है, जिसे राकेश रोशन ने निर्देशित, निर्मित और लिखा है। यह “कोई मिल गया” का आगामी भाग है। इस फिल्म में कृष की कथा को केंद्र में रखा गया है, जिसे उसके पिता, रोहित मेहरा से विशेष शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
जोधा अकबर (2008)

एक साहसी राजपूत प्रिंसेस, जोधा, राजनीतिक योजनाओं के चलते मुगल सम्राट अकबर से विवाह की प्रतिज्ञा करती है। हालांकि, इस दंपत्ति के बीच आपसी सम्मान और आदर के बावजूद एक सच्ची प्रेम कथा विकसित होती है।
फिल्म का प्रारंभ एक प्रचंड संघर्ष से होता है, जिससे फिल्म की प्रतिष्ठा और महत्वपूर्णता का अहसास होता है। साथ ही, राजनीतिक चाल-कपट और षड्यंत्र की गाथाएँ भी अन्वरणित होती रहती हैं।
ऐश्वर्या रै की यह फिल्म उनके विवाह के बाद पहली बड़ी परियोजना थी। फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर ने इस महाकाव्य को अपने जन्मदिवस, 15 फरवरी 2008 को प्रदर्शित किया।
जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर और जोधाबाई के प्रेम प्रसंग पर आधारित इस चर्चित फिल्म को दर्शकों से उत्साहपूर्वक प्रतिसाद मिला।
अग्निपथ (2012)

एक प्रमुख अपराधी, कांचा चीना, विजय के पिता को निष्ठुरता से मार डालता है। बड़े होने पर विजय स्थानीय गुंडा रऊफ लाला के साथ मित्रता कर, अपने पिता की मौत का प्रतिशोध लेने का निर्णय लेता है।
मुकुल एस. आनंद की निर्देशित 1990 की फिल्म अग्निपथ बोक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकी थी। अमिताभ बच्चन की बदली गई आवाज दर्शकों को पसंद नहीं आई, जिसे फिल्म की असफलता का प्रमुख कारण माना गया। असफलता के बावजूद उसे पुनः बनाने का सोचना ही अद्वितीय था।
जब यह फिल्म टीवी पर प्रसारित हुई, तो दर्शकों ने इसे काफी पसंद किया। करण जौहर का मानना था कि उनके पिता, यश जौहर, द्वारा बनाई गई इस फिल्म के साथ उचित सम्मान नहीं हुआ था, इसलिए उन्होंने उसे पुनः बनाने का निर्णय लिया।
2012 की अग्निपथ प्रतिशोध की एक ताज़ा कहानी पर आधारित है। इसमें कुछ परिवर्तन किए गए हैं, लेकिन इसकी मूल रूपरेखा 1990 की फिल्म से मेल खाती है।
काबिल (2017)

एक नेत्रहीन विवाहित जोड़ी, सुप्रिया और रोहन, का जीवन उलट-पुलट हो जाता है जब सुप्रिया अपनी जीवन को समाप्त कर देती है, और रोहन अब अपराधियों का पता लगाने में ठानी है।
यह कहानी ऐसे व्यक्ति की है जो, बावजूद अपनी दृष्टि-विहीनता के, जीवन को पूरी तरह जीता है। एक आघात उसके जीवन में आता है, और वह प्रतिशोध की राह पर बढ़ता है। उसकी आंखों की कमी उसके आत्मविश्वास और संकल्प में कोई भी कमी नहीं लाती।
सुपर 30 (2019)

गणितज्ञ आनंद कुमार, पटना के निवासी, ने आईआईटी प्रतियोगिता के छात्रों के प्रशिक्षण के लिए ‘सुपर 30’ कार्यक्रम की स्थापना की, परन्तु इससे पहले उन्होंने अनेक विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला किया। ‘सुपर 30’ एक भारतीय जीवनी-पर-आधारित फिल्म है जिसे विकास बहल ने निर्देशित किया है, और यह आनंद कुमार के संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डालती है।
फिल्म का मुख्य चित्रण रामनगर किले और सांभर झील नगर में हुआ, जिसे फिल्म में कोटा, राजस्थान के रूप में प्रस्तुत किया गया। ‘सुपर 30’ की प्रेरणादायक कहानी के साथ ही ऋतिक रोशन का प्रदर्शन भी उत्कृष्ट है। यह कहानी वह लोगों की है जो जीवन की गहरी चुनौतियों का सामना करते हैं और उन्हें पार करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।
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